उज्जैन

उज्जैन: मंगलनाथ मंदिर बन गया करोड़पति!

* चार माह में 1 करोड़ 46 लाख रुपए से अधिक की आय का बना रिकॉर्ड
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मध्यप्रदेश में सीएम सिटी उज्जैन स्थित प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में महज चार माह में 1 करोड़ 46 लाख रुपए से अधिक की आय का एक नया रिकॉर्ड बना है। दर्शन और पूजन से होने वाली आय में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हो रही। देश भर के लोग यहां मंगल ग्रह से होने वाली पीड़ा के निवारण के लिए आते हैं।
मंदिर प्रबंध समिति ने 1 अप्रैल 2025 से 31 जुलाई 2025 तक की चढ़ोतरी और दर्शन पूजन की रसीदों का हिसाब लगाया तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया। मंदिर के खजाने में इस चार माह की अवधि में ही एक करोड़ 46 लाख चार हजार सात सौ रुपए की राशि मिली। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एसडीएम एलएन गर्ग और तहसीलदार सचिव हैं। प्रशासक केके पाठक ने पूरा हिसाब मंदिर प्रशासन को सौंप दिया है। मंदिर में भक्तों द्वारा सामान्य भात पूजन, नवग्रह शांति भात पूजन, पंचांग कर्म भात पूजन तथा जप विधान सहित भातपूजन कराए जाते हैं। इसके अलावा कालसर्प पूजन, अंगारक दोष पूजन, कुंभ विवाह पूजन, अर्क विवाह पूजन, श्रापितदोष पूजन, तथा अन्य दोष निवारण किए पूजा और अनुष्ठान कराए जाते हैं। इसलिए मंदिर प्रशासन रसीद काटता है।
मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान


मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है। यह प्राचीन मंदिर है, जो शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। मंदिर परिसर में भुवनेश्वरी माता मंदिर के रूप में पृथ्वी माता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर की परिक्रमा से पृथ्वी परिक्रमा का पुण्य मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के पसीने की बूंद से मंगल ग्रह का जन्म हुआ था, जब वे एक राक्षस के साथ युद्ध कर रहे थे। वर्तमान में मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है।
बन रहा नया शिखर, लेकिन दो साल से अधूरा

मंदिर के पुराने शिखर की जगह नया शिखर बनाया जा रहा है। साथ ही इसकी ऊंचाई भी बढ़ाई जा रही है। दरअसल, पुराना शिखर बहुत छोटा था और सिंहस्थ 2016 में विकास कार्य कराने से यह दिखाई नहीं देता है। यह काम पिछले दो तीन सालों से चल रहा, लेकिन अभी अधूरा है और सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा होने की संभावना है।

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