कलेक्टिव न्यूजरूम
ट्रैफिक जाम से आम लोग तो जूझते ही रहते हैं, लेकिन इस बार प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ग्वालियर की सड़कों पर जाम में ऐसे फंसे कि वे एयरपोर्ट नहीं पहुंच सके और सीएम डॉ. मोहन यादव उनका इंतजार करते रहे। आखिरकार सीएम तय समय पर प्लेन से चले गए और मंत्री कार से इंदौर पहुंचे।
यह किस्सा अब ग्वालियर प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है, लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वाकया कल सोमवार (11 अगस्त) का है जब ग्वालियर आए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को ट्रैफिक जाम में फंस गए। उन्हें ग्वालियर एयरपोर्ट पर स्टेट प्लेन से सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ भोपाल लौटना था। जाम में फंसने के बाद विजयवर्गीय ने सीएम को सूचना दी। इस पर उनका प्लेन टेक ऑफ हो गया और विजयवर्गीय को ट्रेन से इंदौर रवाना होना पड़ा। इस घटना के बाद पुलिस अफसरों पर उनका गुस्सा भी जमकर निकला। कहा मुख्य कार्यक्रमों में ट्रैफिक प्लान ऐसा होना चाहिए कि आयोजन भी चले और आम लोगों का आवागमन भी प्रभावित न हो। दरअसल ग्वालियर में झांसी रोड से निकलते वक्त जाम में इसलिए फंस गए क्योंकि उनके पायलट ने जाम देखकर कार चेतकपुरी में मोड़ दी। इसकी खबर मिलते ही पुलिस चेतकपुरी पहुंची तब तक विजयवर्गीय का काफिला माधवनगर में जाकर जाम में उलझ गया। सोमवार को शहर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इसी कारण ट्रैफिक अस्त व्यस्त हो गया। गोला का मंदिर, थाटीपुर, आकाशवाणी तिराहा, स्टेशन बजरिया, एलआइसी तिराहा, फूलबाग, एजी पुल, झांसी रोड और सिटी सेंटर के रास्तों पर जाम के हालात रहे।
पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का गुस्सा भी उभरा…
पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी भी ट्रैफिक जाम से परेशान हुए और कार्यक्रम में उनका आक्रोश भी सामने आया। ग्वालियर में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में आयोजित एकात्मक मानव दर्शन हीरक जयंती समारोह में अध्यक्षता करने पहुंचे कप्तान सिंह सोलंकी लगभग 15 मिनट बाद वहां पहुंच सके। उन्होंने अध्यक्षीय संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में कहा अध्यक्ष होने के बाद भी मैं कार्यक्रम में आप लोगों के बीच सबसे लेट आया। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। गवर्नर रहते हुए तो कभी नहीं हुआ है। लेकिन आज शहर की स्थिति कुछ ऐसी थी कि मुझे यहां आने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी। वह भी मुख्यमंत्री जी की कृपा से।
