Newjline.com की रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर में इस बार आसमानी आपदा थमने का नाम नहीं ले रही। अब रामबन और रियासी क्षेत्र में बादल फटने से तबाही मची है। कई घर बह गए और एक दर्जन लोग मारे गए हैं। अभी 11 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है।
रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में भारी बारिश और ऊपरी इलाकों में बादल फटने और तेज बारिश से कई लोगों की मौत हो गई और कई लापता बताए जा रहे हैं। रियासी जिले के महौर क्षेत्र में भी लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। मलबे से शवों को निकाला जा रहा है और कई लोगों के दबे होने की आशंका है। कई मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से कुछ बाढ़ के पानी में बह गए। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थाई राहत केंद्र बनाए गए हैं।
जम्मू में तबाही ज्यादा
इस माह जम्मू कश्मीर को लगातार बारिश और लैंडस्लाइड्स का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण जम्मू क्षेत्र में ज्यादा तबाही हुई है। पिछले हफ्ते आई भीषण बारिश ने जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों में तबाही मचाई है। भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया और कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में एक बादल फटने की घटना हुई थी। यह इलाका वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर है और समुद्र तल से 9 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इस आपदा में 60 लोगों की मौत हो गई थी।
पांच दिनों से रेल सेवा ठप
जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पिछले पांच दिनों से रेल सेवाएं ठप हैं। कठुआ और उधमपुर के बीच कई जगह ट्रैक खिसक गया और टूट-फूट हुई है, जिससे रेल यातायात पर असर पड़ा है। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की जांच
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हाल ही हुए भूस्खलन की जांच के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। इसकी अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे और दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करेंगे। मंगलवार को त्रिकुटा पहाड़ियों पर भूस्खलन की चपेट में आने से 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।

