मध्यप्रदेश

पांच साल बाद दिग्विजय और कमलनाथ के बीच क्यों आई दरार…?

पांच साल पहले कांग्रेस सरकार किसने गिराई…?
भोपाल से newjline.com के लिए सुदेश नागर
मध्यप्रदेश में पांच साल पहले कांग्रेस सरकार किसने गिराई थी? यह सवाल अब सुर्खियों में आ गया है और कांग्रेस के अंदर एक नया राजनीतिक तूफान आ सकता है, क्योंकि प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजयसिंह इस मुद्दे को लेकर खुलकर आमने सामने हो गए हैं। हाल ही एक स्कूल के उदघाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस तरह दिग्विजयसिंह को सम्मान के साथ मंच पर बैठाया, उसके बाद यह सियासी तूफान राजनीतिक हलचल मचा रहा है।
कमलनाथ सरकार यूं तो मार्च 2020 में गिरी थी, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ भाजपा में आ गए थे, लेकिन अब इसको लेकर दिग्विजयसिंह और कमलनाथ आमने सामने हो गए हैं। हाल ही दिग्विजयसिंह ने सरकार गिरने के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार चलाने को लेकर एक उद्योगपति के घर बैठकर कुछ मुद्दे तय किए गए थे। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इस प्लान के अनुसार काम नहीं हुआ। इसी कारण सिंधिया ने सरकार गिरा दी। इसका जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजयसिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी के कारण सिंधिया ने सरकार गिरा दी थी। इस सियासी लड़ाई में यह सवाल उभर रहा है कि जिम्मेदार कमलनाथ हैं या दिग्विजयसिंह? बहरहाल कमलनाथ और दिग्विजयसिंह के बीच चल रही आंतरिक लड़ाई अब सोशल प्लेटफॉर्म पर खुलकर सामने आ गई है और आने वाले समय में यह नए मोड़ ले सकती है। कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह हो सकती है कि यह टकराव ऐसे समय सामने आया है जब मिशन 2028 सामने आ रहा है।
ज्योतिरादित्य भरे मंच से दिग्विजयसिंह को लेने आए थे…
यह सियासी तूफान इसलिए उठा है क्योंकि दिग्विजयसिंह ने एक पॉडकास्ट चर्चा के दौरान चुप्पी तोड़ते हुए है कहा कि कमलनाथ सरकार गिरने के बाद यह प्रचार किया गया था कि मेरी और सिंधिया की लड़ाई में सरकार गिरी लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने तो चेतावनी दी थी कि ऐसा हो सकता है। सरकार बचाने के लिए मैंने एक बड़े उद्योगपति से बात की और कहा कि आपके कमलनाथ और सिंधिया से अच्छे संबंध हैं , आप संभालिए। तब उन्होंने डिनर पर हम तीनों को बुलाया था, जिसमें प्वाइंट तय किए गए थे। उनका पालन नहीं हो सका। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल पड़ी है कि दिग्विजयसिंह ने इतने लंबे समय बाद ये चुप्पी क्यों तोड़ी? इसके पीछे कोई नया राजनीतिक अस्त्र तो नहीं! हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक समारोह में दिग्विजयसिंह को जिस तरह खुलकर सम्मान दिया, उसके बाद से कोई नई राजनीतिक खिचड़ी तो नहीं पक रही?

अतीत के पन्ने
9 मार्च 2020

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले।
  • उसी दिन 20 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने बग़ावत कर दी।

10 मार्च 2020

  • सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया।
  • भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी।

11–12 मार्च 2020

  • सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफ़ा सौंपा।
  • कांग्रेस की बहुमत संख्या घट गई।

13–15 मार्च 2020

  • भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू की।
  • कांग्रेस सरकार अल्पमत में दिखाई देने लगी।

16 मार्च 2020

  • सुप्रीम कोर्ट और राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की तैयारी हुई।

20 मार्च 2020

  • कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया।
  • 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई।

23 मार्च 2020

  • भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

 

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