अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल लेना बंद कर दे. पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय रिफायनरीज कंपनियां रूस से कम तेल मंगाने लगीं थीं. ये खबरें भी हैं कि भारत ने अपनी सरकारी तेल कंपनियों से रूस से तेल लेना बंद करने को कहा है. आखिर वो कौन सी बात हुई कि ट्रंप भारत के रूस से तेल खरीदने पर बौखला गए हैं. क्या इसलिए कि रूस यूक्रेन के साथ युद्ध बंद करने की ट्रंप की डेडलाइन की परवाह ही नहीं कर रहा. खैर ये तो अलग बात हुई लेकिन अगर भारत अमेरिकी दबाव में आकर रूस के तेल को लेना बंद कर देता है तो क्या होगा.
आगे जाने से पहले बता दें कि भारत ने वर्ष 2023 में यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से तेल लेना शुरू किया है. अब भारत और चीन रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. इन दोनों देशों को रूस का तेल काफी सस्ता पड़ता है. इससे उनकी दो सालों में काफी बजट भी हुई है. खासकर इसलिए भी क्योंकि पिछले दो सालों में दुनिया की इकोनॉमी काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति में रही है.
हालांकि भारत पर बाइडेन के राष्ट्रपति होते हुए भी ये दबाव पड़ता रहा था कि वो रूस से तेल मंगाना बंद कर दे. लेकिन इस दबाव के बाद जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए तो लगा कि उनके आने से भारत को राहत मिल सकती है लेकिन इसका उल्टा हुआ है. खबरें ये हैं कि ट्रंप की रूस तेल मंगाने की स्थिति में मोटा टैक्स लगाने की चेतावनी के बाद भारत में सरकार के स्तर पर सक्रियता बढ़ गई है.
