इंडिया अलायंस ने भी दक्षिण से उम्मीदवार को मैदान में उतारा
जगदीप धनखड़ के बाद उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसको लेकर तस्वीर साफ होने लगी है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के विरुद्ध विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण से हैं, इसलिए यह चुनाव दिलचस्प हो गया है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश में एक बार फिर देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद उपराष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है। यह चुनाव न केवल राज्यसभा की राजनीति के लिहाज़ से अहम है, बल्कि इसके नतीजे आने वाले वर्षों की संसदीय कार्यवाही को भी प्रभावित कर सकते हैं। भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान केऑर्टिकल 66 के तहत होता है। इलेक्टोरल कॉलेज यानी केवल लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व नामांकित सदस्य ही वोट डालते हैं। चुनाव की प्रक्रिया गोपनीय मतपत्र से होती है। उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल वैध मतों का 50 फीसदी से अधिक पाना होता है। उपराष्ट्रपति पद का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है और यह देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति का चुनाव अगले माह 9 सितंबर को होगा और नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त यानी कल बुधवार तक है। एनडीए ने अपना उम्मीदवार दो दिन पहले घोषित कर दिया था। आज मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा की।
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से हैं और उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी ज़िले के आकुला मायलारम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1971 में उस्मानिया यूनिवर्सिटी से क़ानून की पढ़ाई पूरी की और हैदराबाद में वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के मार्गदर्शन में सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस शुरू की थी। 8 अगस्त 1988 को वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त हुए और बाद में केंद्र सरकार के लिए एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल की ज़िम्मेदारी निभाई। 1991 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में जज के तौर पर न्यायिक करियर की शुरुआत की और बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने और कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे। राधाकृष्णन दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
