उज्जैन से nwejline.com के लिए पीयूष नागर की रिपोर्ट
स्वतंत्रता दिवस समारोह पर प्रायः कोट पेंट पहनकर ध्वजारोहण करते नेताओं और अधिकारियों को देखा जाता है लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मालवी अंदाज में धोती कुर्ता पहनकर ध्वज फहराया। राजधानी भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उन्होंने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर वे धोती-कुर्ता, नारंगी जैकेट और पगड़ी पहने हुए थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया और लाड़ली बहनों को 1500 रुपए देने का वादा भी दोहराया।
यह कोई पहला अवसर नहीं, जब उन्होंने धोती कुर्ता पहना हो, वे प्रायः विभिन्न समारोहों में धोती कुर्ता पहनकर ही सम्मिलित होते हैं। लंबे समय बाद वे प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं जो धोती कुर्ता पहनता है। अपने जन्मदिन और पिछले विजयादशमी पर शस्त्र पूजन जैसे अवसरों पर वे धोती कुर्ता पहनकर ही उपस्थित होते हैं। धोती कुर्ता और पगड़ी को मालवी वेशभूषा माना जाता है। मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर वे इस वेशभूषा को आगे बढ़ा रहे हैं।
समारोह में शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर बदलते मध्य प्रदेश की तस्वीर कैसी होगी, उसके बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आगामी पांच सालों में लाखों किलोमीटर सड़क, रेलवे ब्रिज और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद खनिज और पर्यटन विषयावर जैसी कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से विश्व ने भारत की शक्ति और सामर्थ्य दोनों को देखा है। युद्ध में नई तकनीक को अपनाने की बात हो या सेना को आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध करवाने का काम हो, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने भारत की एकता और अखंडता पर कुदृष्टि डालने वालों को समझा दिया है कि- जिस भाषा में जो समझे वो भाषा पूरी बोलेंगे। देश धर्म की खातिर हम तो बात जरूरी बोलेंगे। सौ-सौ नमन हमारे होंगे देश के वीर सपूतों को जिनका शौर्य सुनाने को अक्षर सिंदूरी बोलेंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 11 वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियों के हैं। देश में पिछले 11 वर्षों में जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत से प्रेरित होकर जन-केन्द्रित, समावेशी और सर्वांगीण प्रगति को प्राथमिकता दी गई है, वहीं भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना है। वर्तमान में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था है। शीघ्र ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बन जाएगा।’ आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का अटल संकल्प है। यह संकल्प है, अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी जरूरतें पूरी करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में यह मात्र सरकारी योजना नहीं, एक जीवंत जन-आंदोलन है। “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही होगा। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। संकट तमाम झेले हैं, हम बाधाओं से खेले हैं, किसी ने साथ दिया कि नहीं दिया, पथ के पर्वत हमने धकेले हैं।’ उन्होंने कहा आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करें। भारत की आत्मा में बसा “स्वदेशी” केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों।’
इधर, जूते पहनकर तिरंगा फहराया
रतलाम और आलोट विधायक चिंतामणि मालवीय और अन्य अतिथियों ने एक निजी स्कूल में जूते पहनकर ध्वजारोहण किया तो उसका वीडियो वायरल हो गया, जबकि उज्जैन में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने ध्वजारोहण से पहले जूते निकाले। इंदौर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव साइकिल से ध्वजारोहण करने पहुंचे।
